भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥ संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिर�
भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥ संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिर�